इस कलेक्शन में स्वामी विवेकानंद के वो प्रेरणादायी विचारों का संग्रह (Swami Vivekananda Quotes in Hindi) है जो आपके जीवन को एक नयी दिशा प्रदान करता है। इन विचारो को पढ़े और अमल करें –

एक बात दिन के उजाले के समान साफ है कि दुःख का कारण अज्ञान के सिवाय कुछ और नहीं है।

स्वामी विवेकानंद

लगातार पवित्र विचार करते रहे बुरे संस्कारो को दबाने के लिए एक मात्र समाधान यही है।

स्वामी विवेकानंद

असंभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है असंभव से भी आगे निकल जाना।

स्वामी विवेकानंद

आत्म-विश्वास सरीखा दूसरा मित्र नहीं। आत्मविश्वास ही भावी उन्नति की प्रथम सीढ़ी है।

स्वामी विवेकानंद

कामनाएँ समुद्र की भाँति अतृप्त हैं। पूर्ति का प्रयास करने पर उनका कोलाहल और बढ़ता हैं।

स्वामी विवेकानंद

किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

स्वामी विवेकानंद

सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता। पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं।

स्वामी विवेकानंद

क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान् व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।

स्वामी विवेकानंद

“जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।

स्वामी विवेकानंद

चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।

स्वामी विवेकानंद

हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।

स्वामी विवेकानंद

जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।

स्वामी विवेकानंद

कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।

स्वामी विवेकानंद

जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।

स्वामी विवेकानंद

तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के।

स्वामी विवेकानंद

वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता हैं। और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते।

स्वामी विवेकानंद

किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

स्वामी विवेकानंद

यही दुनिया है; यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे, किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दो, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचायेंगे। मेरे जैसे भावुक व्यक्ति अपने सगे – स्नेहियों द्वारा ठगे जाते हैं।

स्वामी विवेकानंद

सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता। पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं।

स्वामी विवेकानंद

एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका हैं।

स्वामी विवेकानंद

क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान् व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।

स्वामी विवेकानंद

जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।

स्वामी विवेकानंद

हम जो बोते हैं वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।

स्वामी विवेकानंद

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो; वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही हैं।

स्वामी विवेकानंद

यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।

स्वामी विवेकानंद

खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है ।

स्वामी विवेकानंद

मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता है।

स्वामी विवेकानंद

एक अच्छे चरित्र का निर्माण हज़ारो बार ठोकर खाने के बाद ही होता है ।

स्वामी विवेकानंद

सभी शक्ति आपके भीतर है, आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते है ।

स्वामी विवेकानंद

जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है, पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन जरूरी हैं ।

स्वामी विवेकानंद

अतीत पर ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पर केन्द्रित करो।

स्वामी विवेकानंद

जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।

स्वामी विवेकानंद

उठो ,जागो और लक्ष्य तक मत रुको ।

स्वामी विवेकानंद

संभव की सीमाओं को जानने का एक ही तरीका है कि उन से थोड़ा आगे असंभव के दायरे में निकल जाइए।

स्वामी विवेकानंद

पक्षपात सब बुराइयों की जड़ है।

स्वामी विवेकानंद

हम भारतीय सभी धर्मों के प्रति केवल सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं करते, वरन सभी धर्मों को सच्चा मानकर स्वीकार भी करते हैं।

स्वामी विवेकानंद

शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है, शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है।

स्वामी विवेकानंद

अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करो और सभी दूसरे विचारो को अपने दिमाग से निकाल दो। यही सफलता की कुँजी है।

स्वामी विवेकानंद

एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो।

स्वामी विवेकानंद

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।

स्वामी विवेकानंद

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते।

स्वामी विवेकानंद

सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा ।

स्वामी विवेकानंद

हम जितना ज्यादा बाहर जायेंगे और दूसरों का भला करेंगे, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमें बसेंगे।

स्वामी विवेकानंद

दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।

स्वामी विवेकानंद

किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं ।

स्वामी विवेकानंद

स्वतंत्र होने का साहस करो। जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो।

स्वामी विवेकानंद

जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं है।

स्वामी विवेकानंद

बस वही जीते हैं,जो दूसरों के लिए जीते हैं।

स्वामी विवेकानंद

शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।

स्वामी विवेकानंद

एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ ।

स्वामी विवेकानंद

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