जब क्रोध आये तो उसके परिणाम पर विचार करो ।

कन्फ्यूशियस

जो आप खुद नहीं पसंद करते उसे दूसरों पर मत थोपिए ।

कन्फ्यूशियस

बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है ।

कन्फ्यूशियस

महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है ।

कन्फ्यूशियस

हज़ारो मीलो लम्बी यात्राएं भी एक कदम से ही शुरू होती हैं ।

कन्फ्यूशियस

आप वह कार्य करे जिससे आपको प्रेम है ,फिर आपको जीवन में एक दिन भी कार्य नहीं करना पड़ेगा ।

कन्फ्यूशियस

अपने से ही ज्यादा उम्मीदें रखो ,दूसरों से नहीं ऐसा करके तुम निराशा से बच सकते हो ।

कन्फ्यूशियस

यह बात मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें नहीं ।

कन्फ्यूशियस

हर चीज में सौन्दर्य होता है, पर हरेक को नहीं दिखाई देता है ।

कन्फ्यूशियस

सफलता पहले से की गयी तैयारी पर निर्भर है,और बिना ऐसी तैयारी के असफलता निश्चित है।

कन्फ्यूशियस

एक शेर से ज्यादा एक दमनकारी सरकार से डरना चाहिए।

कन्फ्यूशियस

किसी कमी के साथ एक हीरा बिना किसी कमी के पत्थर से बेहतर है।

कन्फ्यूशियस

रत्न बिना रगड़े कभी नहीं चमकता है, वैसे ही आदमी का व्यक्तित्व बिना संघर्ष के नहीं निखरता।

कन्फ्यूशियस

जब आप अपने दिल में झांकते है, और कोई गलती नहीं पाते तब आपको चिंता करने और डरने की कोई जरुरत नहीं।

कन्फ्यूशियस

मानव जाति जानवरों से बस थोड़ी सी अलग है, लेकिन बहुत से लोग उस “थोड़े” से को भी अपने अन्दर से निकाल फेंकते हैं।

कन्फ्यूशियस

व्यक्ति जितना अधिक अच्छे विचारों पर मनन करेगा, उसकी दुनिया उतनी ही बेहतर एवं व्यापक होगी।

कन्फ्यूशियस

मैं सुनता हूँ और भूल जाता हूँ , मैं देखता हूँ और याद रखता हूँ, मैं करता हूँ और समझ जाता हूँ।

कन्फ्यूशियस

बुद्धि, करुणा और साहस, व्यक्ति के लिए तीन सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त नैतिक गुण हैं।

कन्फ्यूशियस

नफरत करना आसान है, प्रेम करना मुश्किल। चीजें इसी तरह काम करती हैं। सारी अच्छी चीजों को पाना मुश्किल होता है,और बुरी चीजें बहुत आसानी से मिल जाती हैं।

कन्फ्यूशियस

एक श्रेष्ठ व्यक्ति कथनी में कम ,करनी में ज्यादा ध्यान देता है।

कन्फ्यूशियस

हम तीन तरीकों से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। पहला- चिंतन करके, जो कि सबसे सही तरीका है। दूसरा- अनुकरण करके, जो कि सबसे आसान है। और तीसरा-अनुभव से ,जो कि सबसे कष्टकारी है।

कन्फ्यूशियस

यह बात मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें नहीं।

कन्फ्यूशियस

जब तुम्हारे खुद के दरवाजे की सीढियाँ गन्दी हों, तो पड़ोसी की छत पे पड़ी गन्दगी का उलाहना मत दीजिये।

कन्फ्यूशियस

जो व्यक्ति दूसरों की भलाई करता है वह अपनी भलाई निश्चित कर लेता है।

कन्फ्यूशियस

जब यह साफ़ हो कि लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है, तो लक्ष्यों में फेरबदल न करें, बल्कि अपने प्रयासों में बदलाव करें।

कन्फ्यूशियस

आप कही भी जाएँ, दिल से जाएँ।

कन्फ्यूशियस

जिंदगी बहुत आसान है लेकिन लोग इसे कठिन बनाने पर जोर देते हैं।

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तुम बिना कुछ सीखे एक किताब नहीं खोल सकते।

कन्फ्यूशियस

इन्सान का स्वाभाव एक जैसा होता है, बस उनकी आदते उन्हें अलग बनती हैं।

कन्फ्यूशियस

धैर्य से बड़ी से बड़ी कठिनाईयों से बाहर निकला जा सकता है।

कन्फ्यूशियस

आप तेज चलने के बजाये धीरे चलें परन्तु पीछे कदम न रखें।

कन्फ्यूशियस

यह बेहतर होगा की हम अँधेरे को कोसना छोड़कर, एक छोटा सा दीपक जलाएं।

कन्फ्यूशियस

जीतने की संकल्प शक्ति, सफल होने की इच्छा और अपने अंदर मौजूद क्षमताओं के उच्चतम् स्तर तक पहुंचने की तीव्र अभिलाषा। ये ऐसी चाबियां हैं जो व्यक्तिगत उत्कृष्टता के बंद दरवाजे खोल देती है।

कन्फ्यूशियस

वास्तविक शिक्षा वही है जो किसी के अज्ञान की सीमा को जान सके।

कन्फ्यूशियस

वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त करता है, वह दुनिया का सबसे पराक्रमी योद्धा है।

कन्फ्यूशियस

ईमानदारी और सच्चाई उच्च-नैतिकता के लिए आधार का काम करती हैं।

कन्फ्यूशियस

अगर आप एक साल की योजना बना रहे है, तो एक बीज बोईये, योजना अगर दस साल की है तो पेड़ लगाईये और अगर योजना सौ साल की है तो शिक्षक बन जाइए।

कन्फ्यूशियस

वह व्यक्ति जो सीखता है पर सोचता नहीं, वह सीखकर भी खो देगा। वही वह व्यक्ति जो सिर्फ सोचता है पर सीखता नहीं वह बहुत बड़े खतरे में पड़ने वाला होता है।

कन्फ्यूशियस

ख़ामोशी इन्सान की सबसे अच्छी दोस्त होती है, जो कभी उसके रहस्य उजागर नहीं करती।

कन्फ्यूशियस

किसी भी राष्ट्र की शक्ति वहां के परिवारों की सत्य,निष्ठा और दृढ –नैतिकता पर आधारित होती है।

कन्फ्यूशियस

जब किसी प्रशंसनीय व्यक्ति को देखें तब आप उससे भी अच्छा बनने की कोशिश करें, लेकिन जब आप किसी अप्रशंसनीय व्यक्ति को देखें, तब स्वयं के अन्दर झांककर आत्मनिरीक्षण करें।

कन्फ्यूशियस

बिना किसी आदर-भावना के अहसास के, हम इन्सान को जानवरों से कैसे अलग कर सकते हैं?

कन्फ्यूशियस

प्रतिशोध रथ पर सवार हो तो यात्रा प्रारंभ करने से पहले दो कब्रें खोदिये।

कन्फ्यूशियस

एक आदमी जो गलती करता है और उसे सही नहीं करता, एक और गलती करता है।

कन्फ्यूशियस

यह जानते हुए भी कि सही क्या है, उसे न करना सबसे बड़ी कायरता है।

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एक सज्जन अपने कर्मों का अपने शब्दों से मेल नहीं होने पर शर्मिंदा होगा।

कन्फ्यूशियस

म्रत्यु और जीवन के अपने नियोजन निर्धारित हैं, सम्पति और सम्मान भगवान् पर निर्भर करते हैं।

कन्फ्यूशियस

सभी परिस्थितियों में पांच चीजों का अभ्यास सही सद्गुण का गठन करता है; और ये पांच चीजें गुरुत्व, आत्मा की उदारता, नेक नियत, गंभीरता एवं दया हैं।

कन्फ्यूशियस

सतर्क शायद ही कभी गलती करता है।

कन्फ्यूशियस

हर चीज की अपनी एक सुंदरता होती है परंतु इसे हर कोई नहीं देख पाता।

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